विकास दुबे(Vikas Dubey) की नाटकीय गिरफ्तारी ! वीडियो भी देखें

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नई दिल्ली ,इंडिया विस्तार। कानपुर एनकाउंटर का मुख्य आरोपी विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हो गया। वह मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए आया था। उसे सबसे पहले महाकाल मंदिर के गार्ड ने पहचाना और उसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बता दें कि उसकी तलाश पांच राज्यों की पुलिस कर रही थी।

कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘विकास दुबे अभी मध्यप्रदेश पुलिस की कस्टडी में है। अभी गिरफ्तारी कैसे हुई इसके बारे कुछ भी कहना ठीक नहीं। मंदिर के अंदर या बाहर, कहां से गिरफ्तारी हुई, इसके बारे में कहना ठीक नहीं। विकास क्रूरता की हदें शुरू से ही पार कर रहा था। वारदात होने के बाद से ही हमने पूरी मप्र पुलिस को अलर्ट पर रखा था।’इससे पहले विकास दुबे के दो साथी आज एनकाउंटर में ढेर हो गए। प्रभात मिश्रा पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद एनकाउंटर में उसे ढेर कर दिया गया। प्रभात मिश्रा को बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा विकास दुबे गैंग का एक और मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बकानपुर पुलिस की टीम गुरुवार सुबह फरीदाबाद में गिरफ्तार किए गए विकास दुबे के साथी प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी। एसटीफ की टीम एस्कॉर्ट कर रही थी। उसी वक्त पनकी थाना क्षेत्र में गाड़ी पंक्चर होने पर अभियुक्त प्रभात पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास करने लगा। उसने पुलिस पर अंधाधुंध फायर भी किया, जिसमें एसटीफ के दो आरक्षी गंभीर रूप से घायल हो गए।



पुलिस द्वारा आत्मरक्षा के लिए किए गए फायर में बदमाश प्रभात घायल हो गया, जिसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि बुधवार को फरीदाबाद पुलिस ने प्रभात को 2 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था और इसके पास से 4 पिस्टल बरामद हुए थे, जिसमें 9mm की 2 पिस्टल पुलिस से लूटी हुई थी।

उधर, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा द्वारा एसओ थाना चौबेपुर विनय तिवारी के खिलाफ एसएसपी को लिखा गया पत्र जांच में सही पाया गया है। सूत्रों के मुताबिक जांच के लिए कानपुर भेजी गईं लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह बुधवार को लखनऊ वापस लौट आईं और जांच रिपोर्ट डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को सौंप दी।

लक्ष्मी सिंह ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जांच पड़ताल और CO के कार्यालय के स्टाफ से पूछताछ की तो पता चला कि CO द्वारा एसएसपी को लिखा गया पत्र असली हैबन शुक्ला भी इटावा में ढेर हो गया।

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