दिल्ली क्राइम ब्रांच के एक सिपाही ने करोड़ो की लूट के मास्टरमाइंट को गिरफ्तार करवाने में कामयाबी पाई है। यह मास्टरमाइंड दो साल से ना केवल गायब था बल्कि दिल्ली में ही पत्ते बदल बदल कर रह रहा था और लगातार फोन नंबर भी बदल रहा था। यही नहीं वह फरारी में बस चालक बन कर आराम से रह रहा था। अदालत से फरार घोषित होने के बाद भी उसे गिरफ्तार करने में कामयाबी नहीं मिली थी। मामला 31 अगस्त 2022 को पहाड़गंज में हुई 8 करोड़ से अधिक कीमत के सोने, हीरे और चांदी के आभूषणों की लूट का है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ऐसे पकड़ा
डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक क्राइम ब्रांच ने ₹ 8 करोड़ मूल्य के सोने, हीरे और चांदी के आभूषणों से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल डकैती मामले में मुख्य साजिशकर्ता आरोपी अजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। अगस्त 2022 में दिल्ली के पहाड़गंज में हुई इस डकैती को सात लोगों के एक गिरोह ने अंजाम दिया था, जिनमें से छह को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
हरियाणा के अंबाला शहर के निवासी सोमवीर की शिकायत के बाद 31 अगस्त 2022 को डकैती का मामला दर्ज किया गया था। जय माता दी लॉजिस्टिक्स में काम करने वाले सोमवीर ने बताया था कि जब वह और उनके साथी जगदीश सैनी दिल्ली में सोने और हीरे के आभूषणों की डिलीवरी कर रहे थे, तभी दिल्ली के पहाड़गंज में देश बंधु गुप्ता रोड के पास चार लोगों ने उन पर हमला कर दिया।
पकड़ने में अहम भूमिका इनकी
हमलावरों में से एक ने आंशिक रूप से पुलिस की वर्दी पहन रखी थी, उन्होंने मिर्च पाउडर से उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी और आभूषणों से भरे दो बैग और एक कार्टन जबरन ले गए। चोरी किए गए माल में 6.27 किलोग्राम सोना, 106 हीरे और 2.9 किलोग्राम चांदी शामिल थी, जिसे पहले से गिरफ्तार आरोपियों के पास से बरामद किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने लूट में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया।
इनमें मनीष कुमार, नागेश कुमार, शिवम, चित्रेश बिष्ट, सचिन मेहरा और परमवीर शामिल हैं, ये सभी नजफगढ़ के रहने वाले हैं। इन लोगों से चोरी किए गए आभूषण बरामद कर जब्त कर लिया गया। इस मामले में मास्हाटरमाइंड आरोपी अजीत सिंह अब तक पुलिस की गिरफ्त से फरार था। एसीपी रमेश चंद्र लांबा की करीबी निगरानी में इंस्पेक्टर पंकज मलिक और रोहत कुमार के नेतृत्व में एएसआई संजीव कुमार, एचसी आशीष, कांस्टेबल रविंद्र कुमार और दिनेश कुमार की टीम ने महावीर एन्क्लेव, पालम गांव, दिल्ली में अपने ठिकाने से अजीत सिंह का सफलतापूर्वक पता लगाया और उसे पकड़ लिया।
आरोपी अजीत सिंह पहचान से बचने के लिए फर्जी पहचान के साथ रह रहा था। कानून के शिकंजे से बचने के लिए वह बार-बार अपने आवासीय पते के साथ-साथ अपने मोबाइल नंबर भी बदल रहा था। लेकिन कांस्टेबल रविंद्र कुमार के निरंतर और अथक प्रयासों से टीम उसके वर्तमान ठिकाने का पता लगाने में सफल रही और उसे तेजी से ट्रैक किया। आरोपी अजीत सिंह सिलानी गांव, झज्जर, हरियाणा के एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से है। वह 10वीं कक्षा पास है और गिरफ्तारी के समय दिल्ली के द्वारका में बस चालक के रूप में काम कर रहा था। डकैती से पहले वह गोपाल नगर, नजफगढ़ में रहता था, जहां उसने अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों, जिसमें उसका भतीजा नागेश कुमार भी शामिल था, के साथ मिलकर अपराध की साजिश रची।
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