भारत में cyber scam अब रणनीतिक रूप से बदल रहा है। पहले मेवात और जामताड़ा जैसे क्षेत्र सीधे फिशिंग और पहचान की चोरी के लिए कुख्यात थे। लेकिन आज के cyber scam अधिक मनोवैज्ञानिक, परिष्कृत और बड़े पैमाने पर फैलने योग्य हैं। यहअब केवल भोले-भाले नहीं, बल्कि महत्वाकांक्षी, बुजुर्ग और डिजिटल रूप से जागरूक लोगों को भी निशाना बना रहे हैं।
cyber scam के चेहरे
निवेश धोखाधड़ी: लालच का मायाजाल
ये स्कैम्स लालच और गलत विश्वास को हथियार बनाते हैं। पीड़ितों को लुभाया जाता है:
• स्टॉक या क्रिप्टो निवेश पर 100 गुना रिटर्न के वादे से
• WhatsApp/Telegram ट्रेडिंग ग्रुप्स में अवास्तविक मुनाफे से
• विवाह आधारित निवेश योजनाओं से
• MLM स्कीम्स को वित्तीय स्वतंत्रता के रूप में दिखाकर
सच्चाई: कोई भी वैध निवेश रातों-रात नहीं बढ़ता। ये स्कैम नकली डैशबोर्ड, क्लोन किए गए ऐप्स और AI-जनित प्रशंसापत्रों का उपयोग करते हैं।
डिजिटल गिरफ्तारी स्कैम: डर का हथियार
तेजी से बढ़ता खतरा — स्कैमर्स खुद को बताते हैं:
• पुलिस, CBI, RBI, TRAI या सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी
• पीड़ितों को बताया जाता है कि वे मनी लॉन्ड्रिंग या साइबर अपराध की जांच में हैं
• उन्हें “सुरक्षित खातों” में पैसे ट्रांसफर करने को मजबूर किया जाता है ताकि गिरफ्तारी से बच सकें
तरीका: लगातार वीडियो कॉल, नकली दस्तावेज़, स्पूफ किए गए कॉलर ID — सब कुछ सोचने की क्षमता को पंगु बनाने के लिए।
सिर्फ 2025 में ही:
• 13,287 निवेश स्कैम और 4,439 डिजिटल गिरफ्तारी स्कैम NCRP पर दर्ज हुए
• तमिलनाडु में अकेले ₹1,100 करोड़ से अधिक की हानि
ये स्कैम क्यों काम करते हैं
• लालच, डर और जल्दीबाज़ी का फायदा उठाते हैं
• AI टूल्स से पहचान की नकल और डीपफेक का उपयोग
• बुजुर्गों और मध्यम वर्ग को भावनात्मक रूप से निशाना बनाते हैं
Cyber Durga: जनजागरूकता का कवच
Cyber Durga जैसे अभियान जनशिक्षा को नया रूप दे रहे हैं:
• रामलीला और दशहरा जैसे सांस्कृतिक मंचों पर नागरिकों को शिक्षित करना
• 1930 हेल्पलाइन को दुर्गा के त्रिशूल से जोड़ना — खोई हुई गरिमा को वापस पाने का हथियार
• वास्तविक केस स्टडी और AI आधारित कहानियों से धोखाधड़ी की रणनीति को उजागर करना
आप क्या कर सकते हैं
• तुरंत रिपोर्ट करें — 1930 या http://cybercrime.gov.in पर
• अनचाहे निवेश प्रस्तावों पर कभी भरोसा न करें
• पैसे ट्रांसफर करने से पहले पहचान की पुष्टि करें — चाहे कॉलर खुद को अधिकारी ही क्यों न बताए
• बुजुर्गों और कमजोर वर्गों को सामुदायिक सत्रों और प्रिंट-रेडी गाइड्स से जागरूक करें
साइबर अपराध अब छुपा हुआ खतरा नहीं — यह अब सुर्खियों में है। आइए जागरूकता को कवच बनाएं और जनसंपर्क को प्रभाव में बदलें।
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