इंटरनेट के इस्तेमाल में OTP (one time password) का बड़ा महत्व है। लेन देन हो या login हर समय हम OTP के सहारे ही चलते हैं। मगर OTP के खतरे से सरकार भी आगाह करती रहती है। लिहाजा अब समय है OTP को बाय बाय करने का। सवाल है तब किस का इस्तेमाल करें। इस पोस्ट में आज इसी बात की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है।
इस्तेमाल करें यह ऐप
OTP की जगह ऑथेंटिकेशन ऐप का उपयोग करें। SMS द्वारा प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड की बजाय ऑथेंटिकेशन ऐप का उपयोग करने से सुरक्षा बढ़ती है और SIM स्वैपिंग या इंटरसेप्शन का खतरा खत्म हो जाता है। अब सवाल है कि आप स्विच कैसे कर सकते हैं इसके लिए आप google, microsoft, authy या duo mobile को authenticator इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके लिए अपने खाते में ऐप आधारित @FA को सक्षम करें। अधिकांश वेबसाइटें और सेवाएं SMS-आधारित OTP के बजाय ऑथेंटिकेशन ऐप का उपयोग करने की अनुमति देती हैं। इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें अपने अकाउंट की सिक्योरिटी सेटिंग्स में जाएं, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) विकल्प चुनें। SMS के बजाय ऑथेंटिकेशन ऐप चुनें। QR कोड को अपने ऑथेंटिकेशन ऐप से स्कैन करें।
बैकअप कोड्स को सुरक्षित स्थान पर सेव करें ताकि डिवाइस खोने पर भी एक्सेस बना रहे। अपने ऑथेंटिकेशन ऐप को सुरक्षित रखें ऐप द्वारा जेनरेट किए गए कोड्स किसी के साथ साझा न करें । SMS-आधारित OTP हटाएं एक बार जब ऑथेंटिकेशन ऐप सेट हो जाए, तो SMS-आधारित OTP को डिसेबल करें SIM स्वैपिंग का खतरा खत्म।
बायोमेट्रिक लॉक (फिंगरप्रिंट या फेस अनलॉक) इनेबल करें। क्लाउड बैकअप चालू करें (Authy जैसे ऐप्स में उपलब्ध) ताकि फोन खोने पर कोड रिकवर किए जा सकें। यह उपाय जानना ही नहीं इन पर आमल करना भी जरूरी है। क्योंकि आजकल cyber ठग आपको शिकार बनाने का कौन सा तरीका अपनाएंगे इसके बारे में कोई नहीं जानता।
यह भी पढ़ेंः
- जीवन प्रमाण पत्र धोखाधड़ी से बचें: पेंशनधारकों के लिए सुरक्षा गाइड
- दिल्ली पुलिस परिवार की आराध्या पोरवाल ने जीती जूनियर नेशनल स्क्वैश चैंपियनशिप 2025
- ₹1 लाख से अधिक की साइबर धोखाधड़ी पर अब स्वचालित e-FIR: जानिए इसका मतलब और असर
- CCTV कैमरा हैकिंग से सावधान रहें — “admin123” जैसे पासवर्ड से कैसे खतरा बढ़ता है
- डिजिटल अरेस्ट स्कैम से ₹3,000 करोड़ का नुकसान: सुप्रीम कोर्ट की चिंता, चक्षु पोर्टल बना समाधान



















[…] कार्ड से पैसे कट जाते हैं। यह कमाल internet cookies का ही होता है। जालसाज internet cookies का […]
[…] बचाता है। इसलिए private browsing जरूरी है। खासकर साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन प्राइवेसी के लिहाज से। तो […]