motivational speech in hindi: सहरसा के गायत्री पीठ में ऐसे बताया गया स्वच्छता का मतलब

motivational speech in hindi: बिहार के सहरसा में स्थित गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित व्यक्तित्व परिष्कार सत्र में स्वच्छता का मतलब खास तरीके से बताया गया।

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motivational speech in hindi: बिहार के सहरसा में स्थित गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित व्यक्तित्व परिष्कार सत्र में स्वच्छता का मतलब खास तरीके से बताया गया। व्यक्तित्व परिष्कार सत्र को संबोधित करते हुए डॉक्टर श्री अरुण कुमार जायसवाल जी ने स्वच्छता के विषय में बताया कि
स्वच्छता का अर्थ है अनुपयोगी को उपयोगी में बदलना होता है l

motivational speech in hindi: जीवन का चक्र

श्री अरूण जायसवाल ने कहा कि जीवन का चक्र भी स्वच्छता के अंतर्गत आता है l हमारे जीवन में जो अनुपयोगी है उसे हम कैसे उपयोगी बनाएं स्वच्छता के अंतर्गत यह बात आती है l स्वच्छता का संबंध शरीर से भी और मन से भी होता है l शरीर स्वच्छ नहीं रहने पर हम बीमार पड़ते हैं और मन स्वच्छ नहीं रहने पर हम मानसिक रूप से उद्विग्न होते हैं l

उन्होंने कहा कि जहां स्वच्छता और सुव्यवस्था रहती है वहां जाते ही मन प्रसन्न हो जाता हैl खुशी महसूस होने लगती है तो हम स्वच्छ रहें और सुव्यवस्थित रहें l स्वच्छता और सुव्यवस्था एक दूसरे के पूरक हैं l स्वच्छता प्रबंधन आज के समय की मांग है ,युग की मांग है l

श्री जायसवाल ने आगे कहा कि हमारी संस्कृति में कुछ भी अनुपयोगी नहीं है l स्वच्छता को दीर्घ स्थाई बनाने के लिए सुव्यवस्था हमें अपनानी पड़ेगी l स्वच्छता सुव्यवस्था से पूरी होती है और सुव्यवस्था स्वच्छता से पूरी होती है l स्वच्छता और सुव्यवस्था दोनों साथ-साथ चलती है l हम अस्वच्छ रहेंगे तो अस्वस्थ होंगे ही l

मन की शुद्धि और चित की शुद्धि के लिए ध्यान और शरीर की शुद्धि के लिए स्वच्छ रहने के साथ-साथ योग जरूरी है l स्वच्छता का सीधा संबंध हमारे जीवनी शक्ति से होता है l

उन्होंने आगे कहा : आज चारों ओर पर्यावरण दूषित होने के कारण हमारी जीवनी शक्ति क्षीण हो चुकी है l अंतःकरण साफ होने पर प्रदूषण स्वतः साफ होते चला जाता है l यदि हम अपने-अपने घर की सफाई अच्छे से रखें तो हमारा घर आरोग्य और समृद्धि का केंद्र बन जाएगा l जिस घर में, जिस जगह सफाई होती है वहां ईश्वर का वास होता है l स्वच्छता और सुव्यवस्था आकर्षण का केंद्र होता है l जहां स्वच्छ व्यक्ति का मन संतुलित और सब व्यवहारित होता है वही दूसरी ओर अस्वच्छ व्यक्ति का मन असंतुलित और दुर्व्यवहार से भरा हुआ होता है l शारीरिक स्वच्छता हमें निरोगी रहने का वरदान देती है और मानसिक स्वच्छता हमें प्रतिभा का वरदान देती है l
स्वच्छता के साथ यदि विवेक का मेल हो जाए तो वैराग्य का प्रकटीकरण होता है l
इस अवसर पर मुख्य अतिथि गण के रूप में श्री कृष्ण कुमार सिविल जज सहरसा l धीरज कुमार जी इमीग्रेशन ऑफीसर बिहार। दीपांकर जी प्रभात खबर के प्रमुख l सुरेश कुमार जी पटना, गीता सिन्हा जी पटना, कुमारी माधवी पटना, इंजीनियर श्री क्षितिज बंगलौर उपस्थित थे l इस मौके पर गायत्री परिवार के युवा मंडल, युवती मंडल, प्रज्ञा मंडल और महिला मंडल और अन्य उपस्थित थे l

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