शायद यह बात आपको चौंका दे कि दिल्ली में cyber crime के चलते पिछले साल 800 करोड़ का नुकसान हुआ है। cyber crime के जाल में फंसने वाले लोगों से हुई साइबर ठगी की यह रकम वह है जो सामने आई। मगर कई लोग तो रिपोर्ट भी नहीं करवाते हैं। मामला हजारो में हो तो लोग झंझटों में पड़ना ही नहीं चाहते।
cyber crime की प्रमुख वजहें
समस्या: लोग चक्षु जैसे टूल्स का बहुत कम इस्तेमाल कर रहे
साइबर हाइजीन की अनदेखी कर रहे
परिणाम: फ्रॉड बढ़ रहा है, घट नहीं रहा
एक साथ मिलकर हम इस प्रवृत्ति को पलट सकते हैं — दिल्ली को सिर्फ प्रतिक्रियाशील नहीं, बल्कि लचीला साइबर सुरक्षित बनाएं।
साइबर सुरक्षा कहाँ कमजोर पड़ रही है
चक्षु अलर्ट उपलब्ध हैं लेकिन कम उपयोग हो रहे हैं
कमजोर या दोहराए गए पासवर्ड
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का अभाव
ऐप्स और डिवाइस अपडेट्स की अनदेखी
फिशिंग लिंक और नकली ऐप्स का शिकार
जागरूकता और साइबर हाइजीन क्यों ज़रूरी हैं
चक्षु के साथ शुरुआती चेतावनी
o संदिग्ध SMS, WhatsApp लिंक और स्पूफ़ किए गए नंबर तुरंत फ़्लैग होते हैं
o इन अलर्ट्स की अनदेखी, आग में स्मोक डिटेक्टर बंद करने जैसा है
- सरल साइबर हाइजीन की शक्ति
o यूनिक पासवर्ड ब्रुट-फोर्स हमलों को रोकते हैं
o 2FA एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ता है
o अपडेट्स हैकर्स द्वारा कमजोरियों का फायदा उठाने से पहले पैच कर देते हैं - सामूहिक प्रभाव
o अगर दिल्ली के 50% उपयोगकर्ता चक्षु और 2FA चालू करें:
⬇ सालाना सैकड़ों मामले रोके जा सकते हैं
संभावित बचत: ₹100+ करोड़ प्रति वर्ष
कर्व मोड़ने के 5 कदम - चक्षु को एक्टिवेट कर भरोसा करें – SMS/WhatsApp के लिए डिफ़ॉल्ट सेट करें और अलर्ट पर तुरंत कार्रवाई करें
- 2FA सक्षम करें – बैंकिंग ऐप्स, ईमेल और सोशल मीडिया में
- मजबूत, यूनिक पासवर्ड – पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें, पासवर्ड रिपीट न करें
- डिवाइस और ऐप्स अपडेट रखें – ऑटो-अपडेट इनेबल करें या साप्ताहिक जांच निर्धारित करें
- क्लिक करने से पहले सत्यापित करें – लिंक मैन्युअली टाइप करके या स्रोत की पुष्टि कर के ही खोलें
संभावित प्रभाव
• फिशिंग सफलता दर में 20–30% की कमी होगी
• सालाना सैकड़ों मामले कम होंगे
• ₹100+ करोड़ प्रति वर्ष की बचत होगी
• साइबर-जागरूक समुदाय बेहतर डिजिटली सेफ दिल्ली के लिए
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