crypto exchange बन रहा है साइबर क्रिमिनलों का सबसे बड़ा मददगार

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crypto exchange साइबर क्रिमिनलों के लिए बड़ा मददगार बन रहा है। crypto exchange के माध्यम से फंड फ्लिपिंग एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है। ये कैसे खतरा बन रहा है ये आज जानते हैं। दक्षिण पूर्व एशिया से संचालित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय फर्जीवाड़ा के लिए सबसे बड़ी चुनौती फंड फ्लिपिंग ही होती है। इसके लिए वह crypto exchange की मदद लेते हैं।

crypto exchange ऐसे बन रहा है खतरा

crypto exchange नेटवर्क ने जालसाजी की रकम को पकड़ने या वसूली करने में बहुत बड़ी बाधा खड़ी कर दी है। कुछ देशों में मौजूद साइबर ठग के मददगार इस तरह के घोटाले में मदद करते हैं। जांचों में यह भी सामने आया है कि यह लोग दूसरे संगठित अपराधों में भी शामिल रहते हैं। म्यांमार, कंबोडिया और लाओस में संगठित अपराध सिंडिकेट मौजूद घोटालेबाजों को अंजाम दे रहे हैं, जिनमें अक्सर मानव तस्करी भी शामिल होती है।

इसके लिए जरुरी है का होने वाले साइबर ठगी की शिकायत औऱ कार्रवाई दोनों जल्दी से जल्दी हो। तभी ठगी गई रकम की वापसी सुनिश्चित की जा सकती है। जाहिर है इसके लिए साइबर अपराध को रिपोर्ट करने वाले प्लेटफार्म को मजबूत बनाने की दिशा में काम करना होगा।

राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल को मजबूत बनाने और लागू करने को प्रभावी बनाने के लिए सुझावित उपाय:

नियामक एवं प्रवर्तन उपाय

क्रिप्टो एटीएम ओवरसाइट: क्रिप्टो एटीएम को विनियमित और मॉनिटर किया जाए, क्योंकि ये अक्सर गुमनाम फंड फ़्लिपिंग के लिए उपयोग किया जाता है।

अदेश यात्रा नियम अनुपालन: सभी वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (वीएएसपी) को एफएटीएफ के यात्रा नियम का पालन करना अनिवार्य है ताकि उच्च मूल्य वाले लेनदेन के प्रेषक/रिसीवर का डेटा साझा हो सके।

उच्च-जोखिम वाले एक्सचेंजों को ब्लैकलिस्ट करें: उन क्रिप्टो एक्सचेंजों की पहचान करें और उन्हें प्रतिबंधित करें जो एएमएल प्रवर्तन वाले न्यायक्षेत्रों में काम करते हैं या रेन से जुड़े घोटाले सामने आए हैं।

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