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नई दिल्ली , इंडिया विस्तार। दिल्ली महिला आयोग ने हरि नगर इलाके से 16 वर्षीय झारखंड की बच्ची को रेस्क्यू करवाया। पीड़िता झारखंड के गुमला ज़िला की रहने वाली है। पीड़िता के परिवार में उसके अलावा दो भाई बहन और पिता हैं, लेकिन पूरे परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है। एक साल पहले गांव में रहने वाले दूर के रिश्तेदार राजू (30 वर्षीय) ने उन्हें दिल्ली में काम पे लगवाने का प्रस्ताव रखा जिसे मानकर पीड़िता राजू के साथ दिल्ली आई। 15 दिन राजू के साथ किराए के घर मे रही उसके बाद राजू ने उसे हरिनगर के पास अशोक नगर में एक घर में घरेलू सहायिका के कार्य पर लगवाया। पिछले 11 महीने से पीड़िता उसी घर में काम करती रही। पीड़िता को अपने घर पर महीने में 2 बार फोन पर बात करवाई जाती थी। पीड़िता के साथ इस बीच मारपीट भी की गई है। पीड़िता को कुछ समय से तनख्वाह नहीं दी जा रही थी। एक दिन पीड़िता को देर से उठने की वजह से मकान मालकिन ने पीड़िता के साथ मारपीट करी, जिसके कारण पीड़िता अपना सारा सामान छोड़कर घर से भागकर तिलक नगर मेट्रो स्टेशन के पास पहुंची। लड़की को रोता हुआ देख एक व्यक्ति ने दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन पर कॉल किया। कॉल मिलते ही आयोग की टीम मौके पर पहुंचीं। पीड़िता को हरिनगर थाने ले जाया गया जहां पीड़िता की कॉउंसलिंग की गई और पीड़िता का मेडिकल करवाकर मामले में शिकायत दर्ज कर शेल्टर होम में भेजा गया जिसके बाद पीड़िता को आज बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया जाएगा। पीड़िता को उसका सारा सामान भी वापिस दिलवा दिया गया है।
बाल कल्याण समिति का कार्य है कि बच्ची को उसकी पूरी तनख़्वाह दिलाना। साथ में दिल्ली महिला आयोग इस केस में FIR दर्ज करवाने पे भी काम कर रहा है। लड़की को बंधुआ मज़दूर की तरह रखा गया था और जिस घर में वो काम करती थी उसके मालिक पे भी कार्यवाही होनी चाहिए।
दिल्ली महिला आयोग अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, पिछले 5 सालों के कार्यकाल में हमने देख है कि झारखंड और अन्य राज्यों से न जाने कितनी बच्चियों को काम के बहाने दिल्ली लाया जाता है। छोटी बच्चियों के बचपन उनसे छीने जा रहे हैं। अब तक कई लड़कियों को हम रेस्क्यू करवा चुके हैं। ये एक बहुत बड़ी समस्या है जिसे जड़ से खत्म करने की ज़रूरत है। मैं झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से भी बात करूंगी, हमें मिलकर इस कार्य को करने की ज़रूरत है।