आलोक वर्मा
सोलह सौ नौजवानों को नौकरी, 2600 को ट्रेनिंग। यानि करीब 3 हजार युवा भविष्य बनाने की सही दिशा में निकल चुके हैं। नौजवानों के सही दिशा में जाने की यह कहानी दिल्ली की है औऱ यह सब संभव हुआ है दिल्ली पुलिस की कोशिशों से। इन नौजवानों को एक दो नहीं 45 तरह के कोर्स का प्रशिक्षण दिल्ली पुलिस की मदद से मिला है। दिल्ली के पुलिस थानों में दिए गए प्रशिक्षण की बदौलत करीब 1 साल के अंदर ही भटक रहे युवाओं को नई दिशा मिल गई है। इस योजना का आरंभ पिछले साल 29 अगस्त को हुआ था। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया था औऱ उपराज्यपाल अनिल बैजल औऱ तत्कालीन स्पेशल सीपी संजय बेनिवाल की देखरेख में इस अभियान की शुरूआत की गई थी।
बढ़ा है दायरा
शुरूआत में 8 थानों में इस कार्यक्रम को चलाने का फैसला था लेकिन अब तक 20 थानों को इस कार्यक्रम के लिए चिन्हित किया जा चुका है। 17 से 25 साल तक के नौजवानों को थानों के अंदर 45 तरह के कोर्स सिखाने के बाद बर्गर किंग, हीरो मोटोकॉर्प, वोडाफोन, सीसीडी, फोर्टिस अस्पताल और कई बड़े होटलों में नौकरी मिल चुकी है पिछले साल 29 अगस्त से शुरू हुए इस विशेष अभियान का एक साल होने जा रहा है। अस अभियान में नौजवानों को योगा सिखाने के अलावा अकाउंटस एकग्जेक्यूटिव, कुकिंग, ब्यूटी थेरेपिस्ट, हेयर स्टाइलिस्ट, बीपीओ, कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर समेत कंप्यूटर ऑपरेटर, इंग्लिश स्पीकिंग, फैशन डिजाइनर, जिम इंस्ट्रक्टर, होटल मैनेजमेंट और मोबाइल फोन रिपेयरिंग जैसे काम सिखाए जा रहे हैं।
औऱ भी हैं साथ
इस काम में दिल्ली पुलिस ने युवा स्कीम के तहत नैशनल स्किल डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC) और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) से हाथ मिलाया है। यह तीनों, यूथ को ट्रेनिंग देने से उनकी नौकरी लगने तक का इंतजाम कर रहे हैं। इसमें ऐसे नौजवानों को चुना जा रहा है जो पढ़ना तो चाहते थे मगर किसी ना किसी कारण से बीच में उनकी पढ़ाई छूट गई। इनमें ऐसे युवा भी हैं जिनके पिता या मां में से कोई एक या दोनों किसी ना किसी अपराध के चलते जेल में हों, गरीब हों या फिर इसी तरह की किसी समस्या से पीड़ित हों। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इससे पुलिस के प्रति लोगों का नजरिया भी बदल रहा है।