डांस अच्छा कर रहा था इसलिए उसका कत्ल कर दिया दो युवकों ने

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। राजधानी दिल्ली के मंदिर मार्ग इलाके में वाल्मीकि जयंती के मौके पर हुई हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को ग्रिफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों का नाम ऋषभ ओर चैतन्य है।ऋषभ ओर चैतन्य ने इसलिए डांसर अविनाश सागवान की हत्या कर दी कि क्योंकि वह दोनो आरोपियों से अच्छा डांस कर रहा था। अविनाश के डांस लोगो की वाह वाही और तालियां आरोपियों को अच्छा नही लगा। इसी जलन से आरिपियो ने हज़ारो की भीड़ में अविनाश को गोली मार दी। अस्पताल पहुचते की अविनाश की मौत हो गई।


घटना 24 अक्टूबर वाल्मीकि जयंती की है। जब मंदिर मार्ग इलाके में हज़ारो की तादाद में लोग वाल्मीकि जयंती मना रहे थे। तेज आवाज में म्यूजिक बज रहा था कोई नाच रहा था। तो कोई संगीत का आनंद ले रहा था। इस समारोह में मृतक अविनाश भी अपने परिवार और दोस्तो के साथ आया था। अविनाश एक डांस ट्रेनर था।इसलिए लोगो के कहने पर वो वहा डांस करने लगा। लोग उसके डांस का लुफ्त उठा रहे थे। लोग उसके एक एक स्टेप पर तालियां बजा रहे थे। इसी बीच ऋषभ ओर चैतन्य भी वहाँ पहुचा। वो अविनाश के साथ कॉम्पिटिशन करने लगा। लेकिन वहाँ मैजूद लोगो को तो सिर्फ अविनाश का डांस पसंद आ रहा था। ऋषभ की ओर कोई धयान नही दे रहा था। इसी बात को लेकर ऋषभ का अविनाश के साथ बहस हुआ। फिर ऋषभ वहाँ से चला गया कुछ देर जे बाद वो वहाँ शराब के नशे में बन्दूक लेकर पहुँचा। ओर गोली मार दी। ओर डांस करते हुए अविनाश अचानक गिर गया। भीड़ होने के चलते पता ही नही चला कि किसने गोली चलाई। किसी ने गोली चलाते भी नही देखा।

पुलिस ने जब जांच शुरु की तो लोगो के बीच हुए हत्या का एक भी चश्मदीद गवाह नही मिला। नई दिल्ली पुलिस उपायुक्त मधुर वर्मा के मुताबिक मामले को सुलझाने के लिए कनॉट प्लेस एसीपी अखिलेश्वर स्वरूप की देखरेख में मंदिर मार्ग थानाध्यक्ष अदित्य रंजन, इंसपेक्टर अशोक गिरी,एसआई संदीप, सुधीर, धर्मेन्द्र,राहुल, एएसआई भूपेन्द्र के अलावा कनॉाट प्लेस थाने में तैनात एएसआई प्रेमजीत और हवलदार योग्नेद्र सिंह सहित स्पेशल स्टाफ के लोगों की टीम बनाई गई।  पुलिस को 3 मोबाइल फुटेज मिले जिनमे अविनाश के साथ डांस करता और गोली मारता ऋषभ दिख गया।लेकिन उस वक़्त पुलिस को ना तो ऋषभ का नाम पता था और ना ही कोई ऐसा शख्स मिला जो ऋशभ को पहचान सके। पुलिस ने इनकी पहचान के लिये 45 जगहो पे पोस्टर लगा दिये, तब कही जाकर पुलिस को पता लगा की ऋषभ और उसका भाई विजय विहार मे छिपे है। फिर पुलिस ने दिनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। दोनो ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उन्होंने हथियार कहां से लिए इसकी जांच की जा रही है।

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