नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। साल 2017 के टेरर फंडिंग केस में एनआईए ने आज काश्मीर के 5 अलगाववादी नेताओं के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी। टेरर फंडिंग केस में एनआईए की तरफ से यह तीसरी चार्जशीट है। आज दाखिल चार्जशीट में यासिन मलिक, शब्बीर शाह, आसिया अंद्राबी, पत्थर बाजों के पोस्टर ब्वाय मसर्रत आलम और शेख अब्दुल राशिद आदि का नाम शामिल किया गया है। इस चार्जशीट के साथ ही अब तक कुल 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट किया जा चुका है।
एनआईए सूत्रो की मानें तो ताजा सबूतों में सोशल मीडिया सहित, कॉल रिकार्ड और कई अन्य चीजें हैं जो साबित करती हैं कि अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों से पैसे आते थे। इन पैसों का इस्तेमाल घाटी में तरह-तरह की आतंकी गतिविधियों को फैलाने के लिए किया जाता था। फाइनेंस करने वालों में लश्कर चीफ हफिज सईद तक का नाम शामिल है।
ये हैं सबूत
इस मामले में एनआईए ने 125 गवाह बनाए हैं। जम्मू काश्मीर के 9 स्थानों पर छापेमारी के दौरान एनआईए को 400 इलेक्ट्रानिक्स सबूत और 85 कागजात बरामद हुए थे। चार्जशीट के मुताबिक जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि घाटी में आर्थिक बंदी, पत्थरबाजी और आतंकी हमले और कथित आंदोलन सोची समझी साजिश के तहत कराए जाते थे। जिसमें अलगाववादियों, आतंकी संगठनों का गठजोड़ था। एनआईए को इस सिलसिले में कई वीडियो, व्हाट्स एप्प चार्ट, एसएमएस और ईमेल बरामद हुए हैं। जो इस बात को भी साबित करते हैं कि चार्जशीट में आरोपी अलगाववादी नेताओं और पूर्व में आरोपित बटाली सहित अन्य लोगों का एक पूरा नेटवर्क काम करता था।
आशिया अर्दनबी के बेटे की पढ़ाई के लिए दुबई से पैसे
एनआईए सूत्रों के मुताबिक जांच में ये बात सामने आ चुकी है कि आशिया अर्दनबी के बेटे की मलेशिया में चल रही शिक्षा के लिए पैसे दुबई से जाते थे। दो साल से जेल में बंद हवाला आपरेटर जहूर अहमद बटाली आशिया के बेटे की शिक्षा के लिए पैसे मंगाया करता था। यही नहीं बटाली दूसरे अलगाववादी नेताओं के परिजनों की शिक्षा-दीक्षा के लिए पैसे का बंदोबस्त किया करता था। गौरतलब है कि टेरर फंडिग में गिरफ्तार चार प्रमुख लोगों यासिन मलिक, शबीर शाह, आशिया अर्दनबी औऱ पत्थरबाजों के पोस्टर ब्वाय मसरत आलम को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की गई थी जिसमें कई सनसनीखेज जानकारियां मिलीं।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक इसी मामले में गिरफ्तार अल्ताफ फंटूस के बटाली को भेजे गए कई ऐसे ईमेल मिले जिसमें गिलानी के बेटे औऱ नाती से लेकर आशिया के बेटे तक की शिक्षा के लिए पैसे मंगाने की बातें कही गईं हैं। कार्डियस यूनिवर्सिटी में पढाई कर रहे अलगाववादी नेताओं के परिजनों की शिक्षा के लिए पैसे इंतजाम करने का काम बटाली के जिम्मे था।
और भी सनसनीखेज जानकारियां
जांच के मुताबिक गिलानी के बेटे नईम को एमडी की शिक्षा के लिए जब लंदन में दाखिला नहीं मिला तो वो पाकिस्तान चला गया जहां उसकी शिक्षा के खर्चे आईएसआई के संरक्षण में काश्मीर कमेटी ने उसका बंदोबस्त किया। एनआईए को पता चला है कि वहां आईएसआई का ब्रिगेडियर नील उससे अक्सर मिलने आया करता था।
जांच में यब भी बात सामने आई है कि घाटी में कहर बरपाने के आरोपी लगभग सारे मठाधीशों के परिजन जम्मू काश्मीर सरकार के ही मुलाजिम हैं। अलगाववादी नेता गिलानी का बेटा जम्मू काश्मीर में सरकारी नौकरी करता है। इनके नाती के लिए तो विशेष तौर पर एक वैकेंसी निकाली गई औऱ उस पर केवल साक्षात्कार से ही भर्ती भी हो गई। टेरर फंडिग में गिरफ्तार शबीर शाह और आसिया अर्दनबी के परिजन भी घाटी में सरकारी नौकरी करते हैं । लेकन पिर भी ये सारे लोग भारत के खिलाफ लड़ाई के लिए टेरर फंडिंग करने वालों की हाथ की कठपूतली बने हुए हैं।
पाक और दुबई कनेक्शन
एनआईए सूत्रों के मुताबिक घाटी में आतंकी औऱ अलगाववादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान और दुबई मूल के कारोबारियों से पैसा आता था भारत में आए इस पैसे को बांटने के लिए आईएसआई एजेंट, दिल्ली में मौजूद पाक उच्चायोग आदि का इस्तेमाल किया जाता था। उच्चायोग में किसी कार्यक्रम के बहाने अलगाववादियों को बुलाया जाता था और वहीं पर पैसे दिए जाते थे।