bharat brand rice: भारत चावल योजना’ घोटाला मामले में जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा हरियाणा और पंजाब में सर्च के दौरान सनसनीखेज बरादगी हुई है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत 23 मई 2025 को की गई थी सर्च ऑपरेशन की बड़ी कार्रवाई। गरीबों के लिए आए चावल को बाजार में बेचकर हुई करोड़ों की अवैध कमाई।
bharat brand rice में क्या हुआ बरामद

सर्च ऑपरेशन के दौरान जांच एजेंसी ईडी ने अहम बरामदगी की है। एजेंसी की छापेमारी में करीब 2.02 करोड़ रुपये नकद और 1.12 करोड़ रुपये का सोना बरामद किया गया है। इसके अलावा ED को कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज़ और आपत्तिजनक रिकॉर्ड भी मिला है। इस मामले में पंजाब पुलिस की FIR के आधार पर शुरू हुई थी जांच फिर फिर ED ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
जांच एजेंसी के मुताबिक इस घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), जालंधर जोनल कार्यालय ने ‘भारत चावल योजना’ के तहत गरीब लोगों को चावल के वितरण और बिक्री में विभिन्न व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा की गई धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधान के तहत 23.05.2025 को हरियाणा और पंजाब में स्थित विभिन्न आवासीय और व्यावसायिक परिसरों में तलाशी अभियान चलाया है।
ये हैं आरोपी
ईडी ने मेसर्स शिव शक्ति राइस मिल के मालिक मेसर्स गोपाल गोयल, मेसर्स जय जिनेंद्र राइस मिल, हरीश कुमार बंसल और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। जांच के दौरान पाया गया कि इसमें शामिल लोगों ने ‘भारत चावल योजना’ के तहत गरीब लोगों को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए नामित सरकारी एजेंसियों से कम कीमत पर चावल प्राप्त किया।
bharat brand rice का यह है घोटालाः
यह चावल उन्हें आम/गरीब लोगों को आपूर्ति/बिक्री करने से पहले इसे संसाधित करना, साफ करना और 5/10 किलोग्राम के बैग में पैक करना था। आरोप है कि इसमें शामिल लोगों और संबंधित संस्थाओं ने योजना के निर्धारित तरीकों के माध्यम से आम जनता को चावल वितरित/बेचने के बजाय इसे अन्य चावल मिलर्स को दे दिया या योजना का उल्लंघन करते हुए इसे अन्य तरीकों से बेच दिया, जिससे अपराध की आय हुई।
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