Crime story-यूपी के मैनपुरी में रामलीला मैदान के पास एक शख्स छोले भटूरे की रेहड़ी लगाता था। गुरदयाल छोले वाला के नाम से इस रेहड़ी के बगल में दिल्ली क्राइम ब्रांच के एएसआई सोनू नैन ने आम की रेहड़ी लगा दी। सोनू नैन ने गुरदयाल की सघन जांच शुरू की। आखिरकार एक ऐसा सच सामने आया जिसे जानकर आप भी कह उठेंगे “कर्म की सजा यहीं और जरूर मिलती है।”
Crime story-इस तरह शुरू हुई जांच
क्राइम ब्रांच के डीसीपी राकेश पावरिया के मुताबिक चुनाव आयोग और आला अधिकारियों के निर्देश के मुताबिक उन्होंने एसीपी नरेश सोलंकी की देखरेख में इंस्पेक्टर सुशील कुमार के नेतृत्व में एएसआई सोनू नैन, अशोक दहिया, नरेन्द्र मलिक, कुलदीप मान, हेडकांस्टेबल प्रमोद, सुर्य देव और योगेश की टीम बनाई गई थी ताकि फराद बदमाशों को पकड़ा जा सके।
एएसआई सोनू नैन को सूचना मिली की दिल्ली में 20 साल पहले हुई अनाज कारोबारी के अपहरण और हत्या में लिप्त आरोपी सिपाही लाल मैनपुरी में रह रहा है। उपरोक्त पुलिस की जांच में पता लगा कि सिपाही लाल नाम बदलकर मैनपुरी रामलीला मैदान के पास गुरदयाल छोले वाला के नाम से छोले भटूरे की रेहड़ी लगाता है। एएसआई सोनू नैन ने भी नहीं आम बेचने की रेहड़ी लगानी शुरू कर दी।
जांच पड़ताल में सूचना की पुष्टि हो गई। पुलिस टीम ने गुरदयाल छोले वाला से पूछताछ की तो शुरू में वह नकारता रहा मगर पुलिस की कड़ी पूछताछ में खुलासा हुआ कि वही सिपाही लाल है। उसकी तलाश 20 साल से थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
यह था पूरा मामला
जिस मामले में सिपाही लाल की तलाश थी। वह 31 अक्टूबर 2004 का है। उस दिन करवा चौथ था। शकुरपुर के अनाज कारोबारी रमेश चंद गुप्ता घर से कार से निकले मगर वापस नहीं लौटे। उनका मोबाइल भी बंद था। उनके भाई जगदीश ने अगवा किए जाने का मामला दर्ज करवाया। शालीमार बाग में दर्ज इस मामले में फल और सब्जी का कारोबार करने वाले मुकेश पर संदेह जताया गया था।
जांच के दौरान रमेश की कार बहादुरगढ पुलिस के पास बरामद हुई। संदिग्ध आरोपी भी अपने घर पर मौजूद नहीं था। सघन जांच के बाद पुलिस ने संदिग्ध आरोपी मुकेश वत्स को दबोचा तो पता लगा कि उसने अपने कर्मचारियों सिपाही लाल, शरीफ खान, कमलेश और राजेश के साथ मिलकर रमेश को अगवा किया था। वह फिरौती वसूलना चाह रहे थे। लेकिन इसके पहले कि वह फोन करते उनसे रमेस का कत्ल हो गया। रमेश की लाश उन्होंने कराला गांव के गंदे नाले में फेंक दिया।
पुलिस ने इस मामले में मुकेश, शरीफ और कमलेश को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें अदालत से आजीवन कारावास की सजा हुई। मामले में आरोपी सिपाही लाल और राजेश तभी से फरार थे।
पढ़ने योग्य
- पहलगाम आतंकी हमले में पाक आतंकियों को पनाह देने वाले दो लोग गिरफ्तार
- बब्बर खालसा के इन आतंकियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल किया
- cryptocurrency है साइबर क्राइम पर कितना बड़ा खतरा, जानिए क्योंं और कैसे
- आप भी जानिए adhar card पर आधारित UPI प्रमाणीकरण की कमियां और इसके सुधार के उपाय
- cyber crime के चार यक्ष प्रश्न और उनके जवाब आपको भी जानना चाहिए
[…] में हुई इस मर्डर मिस्ट्री की कहानी बड़ी हैरान कर देने वाली है। दिल्ली […]