दिल्ली पुलिस को मिला नया मुख्यालय, उद्घाटन पर यह कहा गृह मंत्री ने

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली पुलिस को 70 साल के इंतजार के बाद आखिरकार नया पुलिस मुख्यालय मिल गया। देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल के जन्म दिवस यानि एकता दिवस पर मिला पुलिस मुख्यालय कई खासियतें समेटे हुए है। इसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। उन्होंने सीख दी कि केवल इमारत खड़ी कर लेने से लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता बल्कि इसके लिए जरूरी है कि इमारत में भावनाएं भी निरूपित की जाएं। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री जी कृष्णा रेड्डी, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, स्पेशल सीपी ताज हसन, संजय सिंह. प्रवीर रंजन, ज्वायंट सीपी देवेश श्रीवास्तव, शालिनी सिंह सहित कई आला अधिकारी मौजूद थे।

दिल्ली के जय सिह रोड पर बने नए पुलिस मुख्यालय का उद्घाटन करते हुए श्री शाह ने कहा कि दिन रात डयूटी करने वालेपुलिसकर्मियों के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है साथ ही पुलिस को भी जनता की संवेदनाओं को समझकर कार्य करने की आवश्यकता है तभी सकारात्मक छवि निर्माण हो सकेगा| केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस की छवि बदलने के लिए सरकार के द्वारा कई कार्य किए जा रहे हैं। हाल ही में  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पुलिस स्मारक का निर्माण किया गया जिसके माध्यम से पुलिस द्वारा किए गए चुनौती पूर्ण कार्यों तथा कई प्रेरणादायक घटनाओं को जनता के सामने रखा जा सकेगा। श्री शाह ने दिल्ली आने वाले पर्यटकों से पुलिस स्मारक अवश्य जाने को कहा। श्री शाह का कहना था कि आंतरिक सुरक्षा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहली प्राथमिकता है जिसे मजबूत करने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है।

श्री शाह ने कहा कि पुलिस का इतिहास अत्यंत समृद्ध है। अपने बलिदानों और कर्तव्यों से कई बार पुलिस ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किए हैं l

पुलिस मुख्यालय का उद्घाटन करते गृह मंत्री अमित शाह

 उनका कहना था कि आज 70 साल बाद दिल्ली पुलिस खुद के घर में पहुंची है। अमित शाह ने कहा कि पुलिस हेडक्वार्टर के उद्घाटन के लिए सरदार पटेल की जयंती से उपयुक्त दूसरा दिन नहीं हो सकता। उनका कहना था कि सरदार पटेल एक ऐसे व्यक्तित्व थे जो अपने भाषणों से नहीं बल्कि अपने कार्यों से जाने गए। आजादी के आंदोलन के प्रमुख नेता, किसानों के हितैषी के रूप में सरदार पटेल की एक छवि सामने थी किंतु देश के गृह मंत्री बनने के बाद उनका नया रूप देखने को मिला। जब देश आजाद हुआ तो विभाजन से आहत था और रियासतों का मंत्रालय सरदार पटेल को दिया गया |श्री शाह ने कहा कि अलग-अलग भाषाओं, संस्कृतियों के कारण रियासतों को एक करने का कार्य अत्यंत दुर्लभ किंतु महत्वपूर्ण था। परंतु सरदार पटेल ने 550 से ज्यादा रियासतों को एक सूत्र में पिरो कर अखंड भारत का स्वरूप तय किया। इस दौरान कई प्रशासनिक चुनौतियों को भी ढृढ़ता के साथ हल किया।

श्री शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने आजाद भारत की प्रशासनिक नीवं रखने का काम भी किया। आजादी के पूर्व प्रशासन द्वारा गुलाम प्रजा से लगान वसूलने का काम किया जाता था किंतु आजादी के बाद प्रशासन द्वारा जन-सुधार के कार्य किए जाने लगे। श्री अमित शाह ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी सरदार पटेल को जितना जानेगी उतना देश को जानेगी और जितना उनको अपने जीवन में उतारेगी उतना देश को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। श्री अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल भारतीयता के प्रतीक थे तथा उन्होंने सरलता और सादगी के साथ जन-प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।

श्री शाह ने कहा कि जब राज्य की संरचना हुई थी तो कानून व्यवस्था पहली आवश्यकता बनी। राज्य के विकास में कानून व्यवस्था का महत्वपूर्ण स्थान है, पुलिस के द्वारा आंतरिक सुरक्षा को मजबूती मिलती है। उनका कहना था कि पुलिस की नाकामियों को देखना आसान होता है किंतु देश के अंदर तमाम गलत गतिविधियों को जान की बाजी लगाकर रोकने का कार्य देखना चाहिये और आम-जन के द्वारा पुलिस को देखने का नजरिया बदलने की आवश्यकता है। देश के अंदर जाली नोट, आतंकवाद सहित कई समाज-विरोधी गतिविधियों को रोकने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। श्री अमित शाह ने यह भी कहा कि सभी सरकारी विभागों में पुलिस विभाग ऐसा है जो बिना घड़ी देखे काम करता है|

श्री शाह ने इस मौके पर  शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी।




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