गायत्री शक्तिपीठ सहरसा में छात्रों को परीक्षा का खास फार्मूला समझाया गया। सहरसा के गायत्रीपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र को संबोधित करते हुए ट्रस्टी डॉक्टर अरुण कुमार जायसवाल ने कहा कि पढ़ाई चाहे कितनी भी की हो अगर परीक्षा से पहले रिवीजन करने की आदत नहीं तो परीक्षा में उसे काफी परेशानी हो सकती है अभिभावक चाहता है कि उसका बच्चा पढ़ाई में अव्वल आये।
सहरसा गायत्रीपीठ में इन खास लोगों ने भी परीक्षा पर खास बातें बताईं
- म्यूल खातों के ज़रिए सीमा पार क्रिप्टो मनी लॉन्ड्रिंग: बढ़ता जोखिम और ज़रूरी सतर्कता
- दिल्ली पुलिस का विशेष अभियान: अवैध प्रवासियों और नशा तस्करी पर बड़ी कार्रवाई
- जीवन प्रमाण पत्र धोखाधड़ी से बचें: पेंशनधारकों के लिए सुरक्षा गाइड
- दिल्ली पुलिस परिवार की आराध्या पोरवाल ने जीती जूनियर नेशनल स्क्वैश चैंपियनशिप 2025
- ₹1 लाख से अधिक की साइबर धोखाधड़ी पर अब स्वचालित e-FIR: जानिए इसका मतलब और असर
डाक्टर अरुण जायसवाल ने कहा कि हर अभिभावक अपनी संतान छात्र से चाहता है कि वह अपना और परिवार का नाम रोशन करें मगरअक्सर परीक्षा और रिवीजन के मामले में अभिभावक पीछे रह जाते हैं। उसकी अहमियत को समझना पड़ेगा तब बात बनेगी परीक्षा में बच्चा कितना सफल होगा यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें रिवीजन कितने बेहतर तरीके से किया।
जरुरी है रिवीजन शेड्यूल
रिवीजन शेड्यूल बनाएं अधिकांश बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी इस जगह आती है रिवीजन के लिए एक टाइम टेबल बनाना टाइम टेबल के सभी विषय चैप्टर और उसके साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण टॉपिक को इसलिए करना चाहिए कि टाइम टेबल में एक चैन लिस्ट बनाएं ताकि जब इस विषय का रिवीजन हो जाए तो उस निशान लगाकर लगा सके तनाव को दूर भगाएं।
अभिभावक तथा विद्यार्थी परीक्षा के बहुत अच्छा प्रदर्शन करने दबाव न ना बनने दे बहुत ज्यादा दबाव में रिवीजन नहीं हो पाता है रिवीजन के लिए सक्रिय एवं थांत दिमाग बहुत जरूरी है इसके कम समय ज्यादा रिवीजन किया जा सकता है विद्यार्थी के दोस्त या रिवीजन उसके निर्णय में पूरा साथ दे विद्यार्थी आधे घंटे टीचर बनने के लिए कहें विद्यार्थी के दौरान बीच-बीच में ब्रेक ले नियमित अंतराल पर ब्रेक ले लेकर लंबे समय तक पढ़ाई सक्रिय रहा जाए सकता है।
पढ़ाई में मन लगा रहेगा सावन माह अभिषेक का माह विषय पर उन्होंने कहा मानसिक और शारीरिक शीतलता के लिए मनुष्य सदैव प्रयासस्त रहता है मनुष्य में जागृत श्रध्दा ही भावनात्मक शीतलता का प्रतिनिधित्व करती है श्रध्दा की भावना ही मानव जीवन मानसिक शांति और प्रगति का कारण बनती है।

इस अवसर पर एडिशनल जज सहरसा रंजना मैडम ने कहा गायत्री शक्ति की सहरसा में शांतिकुंज हरिद्वार की छवि दिखाई देती है गायत्री परिवार में मेरी आस्था है खगड़िया के सिविल जज शशांक ने कहा अध्यात्म और ज्ञान के महत्व को बताते हुए अध्यात्म हमें सिखाता है कि

हम में अनंत शक्ति है और ज्ञान शक्ति का खजाना है ।


















