SBI और BoB मिलकर बना रहे हैं IDPIC: डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी रोकने के लिए नया प्लेटफार्म

IDPIC
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भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़े हैं, लेकिन इसके साथ धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े हैं। इसी चुनौती से निपटने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने मिलकर एक नया प्लेटफार्म तैयार किया है —
इंडियन डिजिटल पेमेंट इंटेलिजेंस कॉर्पोरेशन (IDPIC)

यह एक रियल-टाइम डिजिटल सुरक्षा प्लेटफार्म होगा जो बैंकों में धोखाधड़ी की पहचान और रोकथाम करेगा।

IDPIC क्या है?

IDPIC एक गैर-लाभकारी (Section 8) कंपनी होगी जिसे SBI और BoB मिलकर बना रहे हैं। इसका उद्देश्य है डिजिटल बैंकिंग लेन-देन में होने वाली धोखाधड़ी की पहचान और उसे रोकने के लिए एक केंद्रीकृत तकनीकी ढांचा तैयार करना।

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मुख्य विशेषताएं:

  • रियल-टाइम फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम
  • 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की साझेदारी
  • ₹500 करोड़ अधिकृत पूंजी और ₹200 करोड़ की प्रारंभिक पूंजी
  • SBI और BoB के निदेशक संचालन का नेतृत्व करेंगे
  • केंद्रीकृत इंटेलिजेंस सिस्टम से जोखिम अलर्ट और रिपोर्टिंग

IDPIC लागू करने की प्रक्रिया

गठन और पंजीकरण:
कंपनी अधिनियम के तहत सेक्शन 8 संस्था के रूप में रजिस्ट्रेशन होगा।

पूंजी और ढांचा निर्माण:
₹500 करोड़ अधिकृत पूंजी और ₹200 करोड़ प्रारंभिक निवेश से तकनीकी ढांचा तैयार किया जाएगा।

तकनीकी विकास:
AI और मशीन लर्निंग आधारित रियल-टाइम मॉनिटरिंग इंजन विकसित किया जाएगा।

बैंक एकीकरण:
सभी सार्वजनिक बैंक IDPIC के साथ API के ज़रिए रियल-टाइम डेटा साझा करेंगे।

जोखिम इंटेलिजेंस:
ट्रांजैक्शन डेटा (लोकेशन, डिवाइस, आवृत्ति आदि) का विश्लेषण करके संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत अलर्ट जारी किया जाएगा।

संचालन और अनुपालन:
RBI के नियामक ढांचे के अनुरूप पारदर्शी और स्वतंत्र संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।

RBI और DoT के प्लेटफार्म से अंतर
विशेषताIDPIC (SBI/BoB)DPIP (RBI)DIP (DoT)
नेतृत्व संस्थाSBI और BoBभारतीय रिज़र्व बैंकदूरसंचार विभाग
कार्यक्षेत्रबैंक धोखाधड़ी की रियल-टाइम पहचाननियामक निगरानीटेलीकॉम फ्रॉड की पहचान
संचालनबैंक-नेतृत्व वाली गैर-लाभकारी संस्थाRBI द्वारा संचालितसरकारी एजेंसी प्लेटफार्म
डेटा स्रोतबैंक लेन-देन डेटाभुगतान प्रणाली डेटाटेलीकॉम मेटाडेटा
रियल-टाइम अलर्ट✅ हां⚠️ सीमित✅ हां


रणनीतिक महत्व

इसका रियल-टाइम इंटेलिजेंस लेयर भविष्य के बैंकिंग फ्रॉड डिटेक्शन का आधार बनेगा।

IDPIC बैंकिंग सिस्टम में फ्रॉड रोकथाम की पहली संयुक्त पहल है।

यह RBI के DPIP से तेज़ और अधिक ऑपरेशनल स्तर पर सक्रिय रहेगा।

DoT के DIP के साथ मिलकर यह डिजिटल और टेलीकॉम फ्रॉड दोनों को कवर करेगा।

IDPIC भारत की डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा को नई दिशा देने वाला कदम है।
SBI और BoB की यह साझेदारी न केवल बैंकों के लिए बल्कि आम ग्राहकों के लिए भी डिजिटल लेन-देन को और सुरक्षित बनाएगी।

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