साइबर सुरक्षा अलर्टः साइबर अपराधियों ने अब एक नई चाल चली है—वे निष्क्रिय या कम बैलेंस वाले बैंक खातों का उपयोग अस्थायी मनी म्यूल के रूप में कर रहे हैं ताकि धोखाधड़ी से प्राप्त धन को छुपाया जा सके। इस ट्रेंड ने बैंकिंग सिस्टम और आम नागरिकों दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
साइबर सुरक्षा धोखाधड़ी का तरीका: कैसे होता है यह घोटाला
निष्क्रिय खातों को निशाना बनाना:
अपराधी ऐसे बैंक खातों को ढूंढते हैं जिनमें बैलेंस बहुत कम हो या महीनों से कोई गतिविधि न हुई हो। ये खाते अक्सर गरीब या डिजिटल रूप से अनजान लोगों के होते हैं, या चोरी की पहचान से खोले गए फर्जी खाते।
- धन का अस्थायी ठहराव:
ऐसे खातों में कुछ ही मिनटों के लिए बड़ी रकम (कभी-कभी ₹2.5 करोड़ तक) जमा की जाती है, खाता धारक को बिना बताए। - तेज़ी से धन का बंटवारा:
धन तुरंत सैकड़ों अन्य खातों, डिजिटल वॉलेट्स, शेल कंपनियों या क्रिप्टो एक्सचेंजों में भेज दिया जाता है। - लेयरिंग रणनीति:
सोने के सिक्के या आभूषण खरीदकर ट्रांजैक्शन का ट्रैक तोड़ा जाता है।
धन को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजा जाता है।
- सोशल इंजीनियरिंग का प्रवेश बिंदु:
अपराधी स्टॉकब्रोकर, अकाउंटेंट या कर्मचारियों को फर्जी निवेश योजनाओं या वरिष्ठ अधिकारियों की नकल करके पैसे ट्रांसफर करने के लिए बहकाते हैं।
नागरिकों के लिए सुरक्षा उपाय: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
- सभी बैंक खातों की नियमित निगरानी करें:
चाहे खाता निष्क्रिय हो, हर महीने SMS, ऐप या पासबुक से बैलेंस जांचें।
ट्रांजैक्शन अलर्ट जरूर चालू रखें।
- KYC अपडेट करें और अनावश्यक खाते बंद करें:
सुनिश्चित करें कि खाते आपके वर्तमान मोबाइल नंबर और आधार से जुड़े हों।
जिन खातों की जरूरत नहीं, उन्हें बंद कर दें।
- पहचान दस्तावेजों की सुरक्षा करें:
पैन, आधार या बैंक विवरण अनजान लोगों के साथ साझा न करें।
“लाभ के लिए खाता खोलने” जैसी ऑफर से सावधान रहें।
- संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें:
अगर खाते में कोई अज्ञात जमा या निकासी दिखे, तो तुरंत बैंक और http://cybercrime.gov.inपर शिकायत करें।
बैंक अधिकारियों के लिए जिम्मेदारी
रीयल-टाइम ट्रांजैक्शन मॉनिटरिंग:
अचानक बड़े ट्रांजैक्शन वाले खातों को फ्लैग करें और AI आधारित फ्रॉड डिटेक्शन अपनाएं।
आंतरिक सतर्कता को मजबूत करें:
कर्मचारियों को संदिग्ध गतिविधि पहचानने की ट्रेनिंग दें।
KYC और खाता स्वच्छता:
निष्क्रिय खातों की समय-समय पर समीक्षा और दस्तावेजों की जांच सुनिश्चित करें।
पीड़ितों के साथ सहयोग:
निर्दोष खाता धारकों को परेशानी में न डालें और साइबर एजेंसियों से तालमेल बनाकर जांच में मदद करें।
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