दूरसंचार विभाग ने 17 नवंबर 2025 को एक सख्त निर्देश जारी किया, जिसमें सभी निर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों और विक्रेताओं को IMEI पंजीकरण प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य किया गया है। यह व्यवस्था टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 और टेलीकॉम साइबर सुरक्षा नियम 2024 के तहत लागू की जा रही है।
इसका उद्देश्य साफ है:
नकली या बदले हुए IMEI नंबर वाले उपकरणों पर रोक लगाना और ऑनलाइन धोखाधड़ी को कम करना।
कौन-कौन से उपकरणों पर IMEI पंजीकरण अनिवार्य है?
अब सिर्फ मोबाइल फोन ही नहीं, बल्कि इन सभी पर IMEI पंजीकरण जरूरी है:
- मोबाइल फोन
- टैबलेट
- मॉडेम
- डोंगल
- सिम बॉक्स
- एम्बेडेड मॉड्यूल
IMEI नंबर से छेड़छाड़ करना कानूनन अपराध है और इसमें जुर्माना के साथ-साथ आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है।
IMEI पंजीकरण साइबर सुरक्षा के लिए क्यों जरूरी है?
IMEI एक 15-अंकों का यूनिक कोड है, जिसे आप मोबाइल का डिजिटल फिंगरप्रिंट समझ सकते हैं। यह नेटवर्क और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को किसी डिवाइस को पहचानने, ट्रैक करने और ब्लॉक करने में मदद करता है।
जरुर पढ़ेंः जान लें काम की बात किसी भी मोबाइल फोन के बंद होने का खतरा नहीं
क्लोन या बदले हुए IMEI नंबरों का उपयोग अक्सर होता है:
- चोरी किए गए फोन को छुपाने के लिए
- नेटवर्क प्रतिबंध तोड़ने के लिए
- फिशिंग, OTP चोरी और सिम स्वैप हमलों में पहचान छुपाने के लिए
अब जब IMEI पंजीकरण अनिवार्य है, तो इस तरह की गतिविधियों पर सख्त रोक लगेगी।
इससे आम नागरिकों को कैसे फायदा मिलेगा?
नकली या अवैध उपकरण नेटवर्क पर नहीं चल पाएंगे
चोरी या संदिग्ध फोन की रीयल-टाइम ट्रैकिंग संभव होगी
डिजिटल फॉरेंसिक और साइबर जांच बेहतर होगी
स्पूफिंग और पहचान की नकल में भारी कमी आएगी
वित्तीय धोखाधड़ी और सेक्सटॉर्शन जैसे अपराधों की रोकथाम मजबूत होगी
आम लोगों की डिजिटल पहचान और डेटा अधिक सुरक्षित रहेगा
भारत की साइबर सुरक्षा के लिए रणनीतिक कदम
यह बदलाव देश की डिजिटल सुरक्षा और भरोसे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह इन पहलों को भी और प्रभावी बनाता है:
1. CEIR (Central Equipment Identity Register)
खोए और चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस अब और प्रभावी होगा।
2. DoT, CERT-In और पुलिस एजेंसियों का बेहतर समन्वय
धोखाधड़ी की पहचान और रोकथाम तेजी से हो सकेगी।
IMEI पंजीकरण अनिवार्यता सिर्फ एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं है। यह आपकी डिजिटल पहचान, वित्तीय सुरक्षा और गोपनीयता को सुरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अगर देश में हर डिवाइस की सही पहचान दर्ज होगी, तो साइबर अपराधों को रोकने में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी मदद मिलेगी।
latest post:
- दिल्ली क्राइम ब्रांच का खुलासा: बुटीक शॉप की आड़ में चलता था ड्रग्स तस्करी का धंधा
- IMEI पंजीकरण अनिवार्य: क्या आप जानते हैं यह आपकी डिजिटल सुरक्षा में कितना जरूरी कदम है?
- adhar card को कैसे रखें सुरक्षित, यह है सबसे ठोस उपाय
- IPS कर्नल सिंह का एक्सक्लूसिव चार पार्ट इंटरव्यू: दिल्ली पुलिस, सुरक्षा मॉडल, सिस्टम की कमियां और समाधान
- क्या आप क्रिप्टो में निवेश की सोच रहे हैं, जान लीजिए कुछ जरुरी बातें

















