स्वदेशी सोशल मीडिया की जरुरत क्यों है आप भी जान लीजिए

नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंधों के चलते हुए संकट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत को अब केवल बैकअप के रूप में नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति, जनसंपर्क और शासन के लिए एक स्वदेशी, सशक्त डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करना चाहिए।

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नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंधों के चलते हुए संकट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत को अब केवल बैकअप के रूप में नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति, जनसंपर्क और शासन के लिए एक स्वदेशी, सशक्त डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करना चाहिए। स्वदेशी सोशल मीडिया की जरुरत क्यों है इसे कैसे विकसित किया जा सकता है। पढ़ें इस पोस्ट में।

स्वदेशी सोशल मीडिया के लिए रोड मैप

भारत की विविधता, पैमाने और भू-राजनीतिक संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखते हुए एक व्यावहारिक, चरणबद्ध रोडमैप:
स्वदेशी सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए रोडमैप
चरण 1: रणनीतिक आधार
नीति और दृष्टिकोण की घोषणा
MeitY के तहत “डिजिटल संप्रभुता मिशन” की शुरुआत
स्वदेशी प्लेटफॉर्म के लिए दिशानिर्देश: डेटा स्थानीयकरण, बहुभाषीय पहुंच, और नैतिक AI
ऑडिट और अंतर विश्लेषण
सरकारी, मीडिया और नागरिक जुड़ाव क्षेत्रों में विदेशी प्लेटफॉर्म पर निर्भरता का मूल्यांकन
प्रमुख कमजोरियों की पहचान (जैसे अचानक प्रतिबंध, डेटा लीक, गलत सूचना)
बीज निधि और प्रोत्साहन
“स्वदेशी टेक इनोवेशन फंड” स्थापित करना
स्टार्टअप्स को टैक्स छूट, क्लाउड क्रेडिट और त्वरित अनुमोदन देना
चरण 2: प्लेटफॉर्म विकास और पायलट
प्लेटफॉर्म प्रकार स्वदेशी उदाहरण प्रमुख विशेषताएँ
मैसेजिंग ऐप Sandes, BlueEra एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, सरकारी स्तर की सुरक्षा
माइक्रोब्लॉगिंग Lok Samvaad क्षेत्रीय भाषा समर्थन, सत्यापित हैंडल
वीडियो शेयरिंग Chingari, Koo क्रिएटर मोनेटाइजेशन, भारत-केंद्रित कंटेंट
सुपर-ऐप i.AI, BlueEra सोशल + कॉमर्स + नौकरियाँ + सुरक्षित मैसेजिंग
बहुभाषीय और स्थानीय प्राथमिकता
o हिंदी, तमिल, बंगाली, भोजपुरी और जनजातीय भाषाओं को प्राथमिकता देना
o AI आधारित अनुवाद और वॉयस इंटरफेस से पहुंच बढ़ाना
• सार्वजनिक क्षेत्र में अपनाना
o नागरिक सेवाओं, पुलिस आउटरीच और आपातकालीन अलर्ट के लिए स्वदेशी प्लेटफॉर्म का अनिवार्य उपयोग
o MyGov और डिजिटल इंडिया से एकीकरण
चरण 3: इकोसिस्टम विस्तार और लचीलापन
क्रिएटर और नागरिक प्रोत्साहन
o प्रभावशाली व्यक्तियों, शिक्षकों और आउटरीच अधिकारियों के लिए “डिजिटल स्वदेशी फैलोशिप” शुरू करना
o क्षेत्रीय क्रिएटर्स के लिए मोनेटाइजेशन टूल्स और प्रशिक्षण देना
• साइबर सुरक्षा और विश्वास
o राष्ट्रीय डिजिटल नैतिकता बोर्ड की स्थापना
o रियल-टाइम मॉडरेशन, गलत सूचना अलर्ट और शिकायत निवारण को एकीकृत करना
• वैश्विक निर्यात रणनीति
o i.AI जैसे प्लेटफॉर्म को दक्षिण एशिया, अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत के डिजिटल निर्यात के रूप में प्रस्तुत करना
o BIMSTEC और SAARC देशों के साथ सहयोग
आपातकालीन प्रोटोकॉल (हमेशा सक्रिय)
• त्वरित प्रतिक्रिया ढांचा
o नेपाल जैसे विदेशी प्लेटफॉर्म प्रतिबंध की स्थिति में 48 घंटे के भीतर स्वदेशी विकल्प सक्रिय करना
o कानून प्रवर्तन, मीडिया और नागरिकों के लिए संचार की निरंतरता सुनिश्चित करना
• ऑफलाइन और मेश क्षमताएँ
o आपदा क्षेत्रों या इंटरनेट बंदी के लिए पीयर-टू-पीयर मेश मैसेजिंग ऐप्स विकसित करना
o आधार और डिजिलॉकर से पहचान सत्यापन का एकीकरण
यह रोडमैप केवल तकनीक का नहीं, बल्कि विश्वास, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक प्रासंगिकता का प्रतीक है।

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