google आपकी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। हम सुबह से लेकर रात तक जो भी सोचते हैं उसे google में सर्च करते हैं। अगर मन में कोई सवाल आता है तो google ही उसका जवाब देता है। यानि हम सबके जीवन में अहम हिस्सा बन चुका है google। हमारी इसी कमजोरी का लाभ साइबर बदमाश भी उठाते हैं। उन्हीं से बचाने के लिए google digikavach है।
ऐसे काम करता है google digikavach
डिजीकवच गूगल की एक पहल है, जिसे 2023 में भारत में ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी, घोटालों और मैलवेयर से लोगों की सुरक्षा के लिए शुरू किया गया था। अब तक ₹13,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी रोकी जा चुकी है और 4.1 करोड़ से अधिक स्कैम चेतावनियाँ जारी की जा चुकी हैं। यह सिर्फ एक टूल नहीं है—बल्कि यह एक समग्र खतरा पहचान और प्रतिक्रिया कार्यक्रम है, जो भारत में साइबर अपराधियों के व्यवहार का अध्ययन कर रोकथाम रणनीतियाँ तैयार करता है।
डिजीकवच, डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) और सामन्वय पोर्टल का एकीकरण भारत में साइबर धोखाधड़ी को रोकने में गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
डिजीकवच को विशेष बनाने वाले तत्व:
• FACE (फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज़्यूमर एम्पावरमेंट) के साथ सहयोग—Play Store से शोषणकारी लोन ऐप हटाने के लिए।
• भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और 1930 साइबर अपराध हेल्पलाइन के साथ साझेदारी—पीड़ितों को त्वरित सहायता देने के लिए।
• Google Pay ने इस पहल के तहत अब तक ₹12,000 करोड़ की धोखाधड़ी रोक ली है—AI आधारित संदिग्ध लेनदेन पहचान से।
• CyberPeace Foundation को $4 मिलियन का अनुदान—भारत में डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए।
डिजीकवच क्यों धोखाधड़ी निरोध और सार्वजनिक सुरक्षा के मिशन से मेल खाता है:
- स्थानीयकृत खतरा विश्लेषण
यह भारत-विशिष्ट स्कैम—जैसे फर्जी लोन ऐप, फ़िशिंग साइट्स और नकली कस्टमर केयर नंबर—की पहचान करता है। - क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म डेटा संकेत
Google Pay, Play Store और Search से डेटा लेकर यह स्कैम पैटर्न्स का समग्र दृष्टिकोण देता है। - प्रणालीगत समन्वय
I4C, सामन्वय और DIP के साथ एकीकरण से रियल-टाइम साइबर सतर्कता और एकीकृत प्रतिक्रिया प्रणाली को बढ़ावा मिल सकता है।
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