नई दिल्ली, इंडिया विस्तार डेस्क। अगर आपसे कोई पूछे कि आप अमिताभ बच्चन के बारे में क्या जानना चाहते हैं तो आपका जवाब शायद ये होगा कि अमिताभ के बारे में इतना पढ़ सुन चुके हैं कि अब शायद कुछ बचा ना हो।
अमिताभ जिस तरह के महानायक है उनके जीवन से जुड़ी बातें भी उतनी ही ज्यादा हैं। अमिताभ ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत 1969 में की थी। अमिताभ की पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी थी। अमिताभ इससे पहले वह वॉइस-ओवर कलाकार के रूप में काम करते थे। अमिताभ ने 1969 में मृणाल सेन की भुवन शोम फिल्म में आवाज दी थी बदले में 300 रुपये मिले।
अमिताभ को 30 से अधिक बार फिल्मफेयर अवार्ड्स के लिए नामांकित किया गया, लेकिन केवल 7 बार उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड्स से सम्मानित किया गया। 1982 में कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उनका बचना मुश्किल सा हो गया था। हालांकि, देश और दुनिया के आशीर्वाद ने उन्हें पुनर्जीवित किया।
पर्दे पर दमदार पारी खेलने वाले अमिताभ बच्चन ने राजनीति में भी हाथ आजमाया, लेकिन उन्हें राजनीति पसंद नहीं थी। साल 1984 में राजीव गांधी के कहने पर उन्होंने इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़ा और वे जीत गए और सांसद बन गए। लेकिन 3 साल बाद, महानायक ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और राजनीति से सदा के लिए अलग हो गए।अमिताभ बच्चन की मां उन्हें मुन्ना कहती थीं। जबकि समय के साथ उन्हें घर में अमित कहा जाने लगा।अमिताभ को ‘सदी के महान नायक’ के अलावा ‘बिग बी’ और ‘शहंशाह’ के नामों से भी जाना जाता है। खुदा गवाह अमिताभ की एक प्रभावी फिल्म है। फिल्म 1992 में रिलीज हुई थी। भारत सहित फिल्म की शूटिंग नेपाल, भूटान और अफगानिस्तान में की गई है। कहा जाता है कि जब फिल्म की शूटिंग अफगानिस्तान में हो रही थी, उस समय अफगानिस्तान के आधे सुरक्षा तंत्र अमिताभ बच्चन की सुरक्षा कर रहे थे।